नारी शक्ति: भारतीय सभ्यता और संस्कृति की आधारशिला

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डॉ. जी.एस. चौहान का प्रेरणादायी व्याख्यान दीपशिखा कॉलेज में सम्पन्न

     जयपुर । दीपशिखा कॉलेज ऑफ टेक्निकल एजुकेशन, मानसरोवर, जयपुर में शनिवार 5 अप्रैल को विशेष संगोष्ठी एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें महिला सशक्तिकरण, शिक्षा और समाज निर्माण पर सारगर्भित विचार प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. जी.एस. चौहान, संयुक्त सचिव, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC), शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली थे।

     डॉ. चौहान ने “भारत के नव-निर्माण में महिलाओं का योगदान – समस्या एवं निदान” विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि "नारी शक्ति सदियों से भारतीय सभ्यता और संस्कृति की आधारशिला रही है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा, आत्मनिर्भरता और सामाजिक सहभागिता के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाना आज के समय की प्राथमिक आवश्यकता है।

महिलाओं की भागीदारी को सराहा - डॉ. चौहान ने छात्राओं एवं शिक्षिकाओं की सक्रिय भागीदारी की सराहना करते हुए कहा कि आज की नारी शिक्षा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नेतृत्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने भारत के सफल चंद्रयान मिशन का उल्लेख करते हुए कहा कि उसकी सफलता में भी नारी शक्ति का अहम योगदान रहा है।

व्यक्तिगत जीवन कौशल पर जोर - अपने प्रेरणात्मक वक्तव्य में डॉ. चौहान ने छात्राओं और शिक्षिकाओं को तीन महत्वपूर्ण जीवन कौशल अपनाने की सलाह दी:

अच्छी संगति रखना

कार चलाना सीखना

तैरना आना चाहिए

आध्यात्मिक दृष्टिकोण

     उन्होंने संत मीरा बाई और उनके गुरु सतगुरु रविदास जी के आध्यात्मिक योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतीय नारी केवल सहनशीलता की प्रतीक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊँचाइयों को छूने वाली प्रेरणास्त्रोत भी है।

महिला सशक्तिकरण पर गंभीर प्रश्न - डॉ. चौहान ने कहा, “पिछले 123 वर्षों में केवल 65 महिलाओं को नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि आज भी महिलाओं को उनकी क्षमताओं के अनुरूप पहचान और अवसर नहीं मिल पा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि सशक्त भारत के निर्माण के लिए नारी का सशक्त होना अनिवार्य है।


वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण का संदेश - कार्यक्रम के अंत में वृक्षारोपण किया गया, जिसमें कॉलेज प्रशासन, छात्र-छात्राओं और मुख्य अतिथि ने भाग लिया। इस अवसर पर डॉ. चौहान ने कहा, “वृक्ष लगाना केवल पर्यावरण की रक्षा नहीं, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ भविष्य की नींव है।”

प्रशासन की प्रतिक्रिया - दीपशिखा समूह के चेयरमैन डॉ. प्रेम सुराना ने कहा, “डॉ. चौहान जैसे प्रेरणादायक शिक्षाविद् का आगमन हमारे लिए गर्व की बात है। उनका मार्गदर्शन छात्रों के लिए मील का पत्थर साबित होगा।”

वाइस चेयरमैन डॉ. अंशु सुराना ने कहा, “ऐसे आयोजनों से छात्रों को सामाजिक चेतना और जिम्मेदारी का बोध होता है।”

प्राचार्या डॉ. रीता बिष्ट ने कहा, “यह कार्यक्रम सभी के लिए प्रेरणास्पद रहा और भविष्य में भी ऐसे आयोजन कॉलेज की पहचान बने रहेंगे।” कार्यक्रम का संचालन अत्यंत सुचारू और प्रभावशाली रहा, जिसमें सभी प्रतिभागियों ने गहरी रुचि दिखाई।