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जयपुर। रीजनल कॉलेज फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी, जयपुर में दिनांक 17-18 फरवरी, 2025 को “ राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के सन्दर्भ में इंजीनियरिंग एवं विज्ञान में तकनीकी शब्दावली का विकास " विषय पर वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, शिक्षा मंत्रालय ,भारत सरकार, दिल्ली के द्वारा दो दिवसीय नेशनल कांफ्रेंस का आयोजन किया गया।
रीजनल कॉलेज फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी, जयपुर के डायरेक्टर प्रो. अशोक सिंह शेखावत ने बताया कि नेशनल कांफ्रेंस कोऑर्डिनेटर के रूप प्रो. केदार नारायण बैरवा, उप-प्राचार्य, रीजनल कॉलेज फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी नामित करने पर शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जिम्मेदारी दी गई है तथा असिस्टेंट कोऑर्डिनेटर के रूप में कार्य करने हेतु डॉ सुमित शर्मा तथा डॉ सत्येंद्र प्रताप सिंह को नामित किया गया था।
सम्मेलन के पहले दिन मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि, सम्मेलन के प्रतिभागियों और रीजनल कॉलेज के विद्यार्थियों के साथ विभिन्न कॉलेज से आये विद्यार्थी शामिल रहे।
उद्धघाटन समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. अरुण चतुर्वेदी पूर्व कैबिनेट मंत्री, राजस्थान सरकार थे, उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन भारतीय भाषाओं की भागीदारी पर अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत हायर एजुकेशन में मीडियम ऑफ इंस्ट्रक्शन के लिए स्थानीय भाषा भी एक विकल्प होगी।
कॉन्फ्रेंस के प्रथम दिवस पर भारत सरकार एवं राज्य सरकार के विभिन्न प्रतिष्ठित केन्द्रीय विश्वविद्यालयों (जे.एन.यू., एम.एन.आई.टी., डी.आर.डी.ओ.), राज्य विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों आदि से प्रख्यात विशेषज्ञ भाग लिया, तथा “राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के सन्दर्भ में इंजीनियरिंग एवं विज्ञान में तकनीकी शब्दावली का विकास” पर अपने विचार व्यक्त किए ।
वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग, शिक्षा मंत्रालय की ओर से कॉन्फ्रेंस प्रभारी अधिकारी जे. एस.रावत ने कॉन्फ्रेंस के उद्देश्यों और महत्व पर विस्तृत रूप से बताते हुए । उन्होंने इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में मातृभाषा में शिक्षा के महत्वता पर विस्तृत रूप से चर्चा करते हुए उन्होंने तकनीकी शब्दावली निर्माण के सिद्धांत और उसके प्रयोग को विस्तार से समझाया।
इस सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिभागियो, शोधार्थियों और विशेषज्ञों के लिए यह एक बेहतरीन अवसर था, जहां पर सभी ने अपने नवाचारों तथा शोध उपलब्धियों को साझा करते हुए, नवीनतम तकनीकी शब्दावली के विकास पर विचार-विमर्श कर किया ।
सम्मेलन के प्रथम दिन अतिथि के रूप में अधिवक्ता गजराज सिंह राजावत, दी एडवोकेट्स बार एसोसिएशन जयपुर, लक्षमण लाल निठारवाल, राजस्थान एजुकेशन सर्विसेज तथा डॉ नीलू जैन, मनिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर उपस्थित रहे। अतिथियो द्वारा सम्मेलन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई, जिसमें अनुसंधान, नवाचार, शिक्षक क्षमता निर्माण और सतत मूल्यांकन पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया ।
सम्मेलन के प्रथम दिन डॉ. गिरीश मिश्रा, वैज्ञानिक, डी. आर. डी. ओ., नई दिल्ली तथा प्रो. संजय भारद्वाज, जवाहर लाल यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली के व्याख्यान के साथ सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया । डॉ. गिरीश मिश्रा ने बताया कि मातृभाषा में शिक्षा से छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ेगा तथा प्रो. संजय भारद्वाज ने शिक्षकों की भूमिका, मीडिया, संस्कृत, मूल्य आधारित शिक्षा, और शैक्षिक संस्थानों के नेतृत्व पर चर्चा की ।
दोनो व्याख्यान होने के बाद रीजनल कॉलेज तथा दीपशिखा कला सस्थान के विद्यार्थियों द्वारा पांच सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गई। कॉन्फ्रेंस के पहले दिन कांफ्रेंस कोऑर्डिनेटर व रीजनल कॉलेज के उप प्राचार्य प्रो. केदार नारायण बैरवा ने सभी महानुभावों, श्रोताओं, वक्ताओं व आगंतुकों को धन्यवाद प्रेषित किया।
सम्मेलन के दूसरे दिन, डॉ आलोक चतुर्वेदी, कमिश्नरेट कॉलेज एजुकेशन, जयपुर, डॉ सूरजमल राव, उपकुलसचिव महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर प्रो. माधव गोपाल, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली, प्रो. दिलीप शर्मा, एम एन आई टी,जयपुर तथा प्रो. रीटा अरोड़ा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अपने अपने विचार व्यक्त किए ।
डॉ आलोक चतुर्वेदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की विस्तृत जानकारी देते हुए, शिक्षण संस्थानों से नई शिक्षा नीति को प्रभावी रूप से अपनाने और विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया । डॉ सूरजमल राव ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर चर्चा करते हुए विद्यार्थी में होने वाले बदलाव के बारे में अपने विचार रखे ।
डॉ सूरजमल राव ने नई शिक्षा नीति के बारे में बताते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले बदलाव पर चर्चा की। प्रो. माधव गोपाल ने शिक्षण संस्थानों में होने वाले बदलाव पे चर्चा करते हुए देश के विकास में नई शिक्षा नीति की उपयोगिता पर विस्तृत रूप से चर्चा की ।
प्रो. दिलीप शर्मा ने बौद्धिक संपदा अधिकार को नई शिक्षा नीति से जोड़ते हुए देश में होने वाले विकास के बारे में अपने विचार रखे। प्रो. रीटा अरोड़ा ने नई शिक्षा नीति की महत्वता को बतात्ते हुए, देश में होने वाले बदलाव के बारे में विस्तृत रूप से प्रतिभागियो को बताया।
कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन कनफेर्नेस चेयर व रीजनल कॉलेज के निर्देशक प्रोफ अशोक सिंह ने सर्वप्रथम सी एस टी टी, मिनिस्ट्री ऑफ़ एजुकेशन, गोवेर्मेंट ऑफ़ इंडिया का आभार व्यक्त करते हुए, सभी महानुभावों, श्रोताओं, वक्ताओं व आगंतुकों को धन्यवाद प्रेषित किया।
अंतिम दिवस पर सभी प्रतिभागियों, आयोजकों, शोध छात्रों को रीजनल कॉलेज के निर्देशक डॉ. अशोक सिंह शेखावत, जय सिंह रावत , सम्मेलन अधिकारी तथा समापन समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. सूरजमल राव, सहायक कुलसचिव एमडीएसयू द्वारा सम्मानित किया गया।
हिंदी भाषा में सर्वश्रेष्ठ शोध पेपर प्रस्तुति के लिए पुरस्कृत किया गया। समापन सत्र में सभी सहभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र वितरित किए।