News from - Arvind Chitransh
सुएता चौधरी के पुस्तक 'माटी' से कविता का उदगार
फिजी। फिजी देश की प्रसिद्ध साहित्यकार, शिक्षा मंत्रालय डी. ए. वी. गर्ल्स कॉलेज की शिक्षिका एवं कवयित्री सुएता चौधरी का भारत के लिए अपनी पुस्तक 'माटी' (यह भी मेरे देश की माटी, वह भी मेरे देश की माटी) से एक कविता मां सीता के बचपन से लेकर माटी में समा जाने तक की कहानी है, जो दोनों देशों के माटी से प्यार करते हुए मैत्री संबंध को बढ़ावा देने हेतु अपनी 62 कविताओं द्वारा बड़ा ही संजीदा भाव प्रस्तुत किया है।
(सुएता चौधरी) |
बताते चलें कि भारतीय लोक संस्कृति एवं भोजपुरी भाषा, कला - संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का देश - विदेश में प्रचार प्रसार करते हुए, अंतर्राष्ट्रीय भोजपुरी संगम भारत के अंतरराष्ट्रीय संयोजक अरविंद चित्रांश ने बताया कि
आजमगढ़ में हुए पिछले अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी फेस्टिवल में इनका आना तय था, किसी कारण बस नहीं आ पाई। जिससे फिजी शिक्षा मंत्रालय की शिक्षिका और कवयित्री सुएता चौधरी द्वारा लिखीत मां सीता पर पुस्तक "माटी" (यह भी मेरे देश की माटी, वह भी मेरे देश की माटी) का विमोचन और प्रस्तुतीकरण भारत में अंतरराष्ट्रीय फेस्टिवल में नहीं हो पाया था।
जिस कारण अपनी पुस्तक 'माटी' के माध्यम से काव्य पाठ करते हुए मां सीता के बचपन से लेकर माटी में समा जाने तक का बड़ा ही भावनात्मक एवं मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया है।