कायस्थ इन्टीग्रेटेड फ़ोरम, जयपुर द्वारा निःशुल्क स्वहस्त मंत्र लेखन मंत्रावली पुस्तिका का प्रस्तुतीकरण

News from - Dr.Anil Saxena  

      कायस्थ समाज के कुल देवता भगवान श्री चित्रगुप्त जी की निःशुल्क स्वहस्त मंत्र लेखन मंत्रावली पुस्तिका का प्रस्तुतीकरण 

     जयपुर। कायस्थ इन्टीग्रेटेड फ़ोरम जयपुर के अध्यक्ष चित्रांश डॉ अनिल सक्सेना ने बताया कि श्री श्री 1008 श्री चित्रगुप्त पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी सच्चिदानंद जी महाराज ने श्री चित्रगुप्त नाम मंत्र महा बैंक की स्थापना की है। 

     इस महा बैंक में समस्त भारत में भगवान श्री चित्रगुप्त जी के मंत्र "ऊं श्री चित्रगुप्ताय नमः" नाम मंत्र बैंक स्वहस्त लेखन के कार्य में जुड़े सभी सनातन प्रेमी चित्रांश बन्धु इस महा बैंक में अपना खाता सृजित करवा सकते हैं। इस मंत्र लेखन कार्य के माध्यम से भारी से भारी कष्ट व्याधियों का नाश होता है और परम कल्याणकारी शान्ति स्थापित होती है और चित्रांश परिवारों में व्याप्त कुसंस्कारों रूपी दृश्य एवं अदृश्य पाप जनित दुष्प्रभाव में कमी आती है।

     विलक्षण "ऊं श्री चित्रगुप्ताय नमः" नाम मंत्र की स्वहस्त लेखन का  कार्य परम श्रद्धेय गुरुदेव श्री किरण कुमार जी खरे महाराज ऊं श्री चित्रगुप्ताय नमः नाम मंत्र बैंक के प्रणेता दमोह मध्य प्रदेश में 2.5 करोड़ मंत्र लेखन करने के पश्चात 5 करोड़ मंत्र लेखन करने की प्रेरणा से हमारे कुल देवता भगवान श्री चित्रगुप्त जी के निःशुल्क मंत्र लेखन मंत्रावली अभ्यासावलियो को सम्पूर्ण भारत में विद्यमान सत्य सनातन प्रेमियों, धर्मावलंबियों के हितार्थ हमारे कायस्थ इन्टीग्रेटेड फ़ोरम जयपुर के द्वारा गागर में सागर इस वृहत् जन मंगल लोक अभियान के तहत जगह जगह स्थानीय केन्द्र स्थापित किए गए हैं। 

     जिनके माध्यम से ज्यादा से ज्यादा हमारे कुल देवता भगवान श्री चित्रगुप्त जी के विलक्षण मंत्र से प्राणी कालसर्प दोष, नाड़ी दोष, पितृदोष और अन्य दैवीय दोषों से मुक्ति पा सकता है। आज़ कायस्थों के कुल देवता भगवान श्री चित्रगुप्त जी और मनोकामनेश्वर ‌श्री गणेश मंदिर पानी की टंकी, राम नगर, शास्त्री नगर, जयपुर में श्री चित्रगुप्त समिति शास्त्री नगर जयपुर ने समस्त कार्यकारिणी सदस्यों की उपस्थिति में एवं गणमान्य नागरिकों के समक्ष 

     चित्रांश छैल बिहारी माथुर, चित्रांश राज कुमार माथुर, चित्रांश मुकेश दत्त माथुर, महेश माथुर, चित्रांश देवेन्द्र सक्सेना मधुकर, चित्रांश ललित सक्सेना, चित्रांश अमित सक्सेना और कायस्थ इन्टीग्रेटेड फ़ोरम जयपुर के अध्यक्ष चित्रांश डॉ अनिल सक्सेना, कोषाध्यक्ष चित्रांश प्रवीण सक्सेना, सचिव चित्रांश नवीन सक्सेना उपाध्यक्ष, चित्रांश डॉ विजय सक्सेना, संस्थापक चित्रांशी श्रीमती नीलम सक्सेना, महासचिव चित्रांश बृजेन्द्र सक्सेना,

      सांस्कृतिक सचिव चित्रांश जितेन्द्र नाग एवं चित्रांश विक्रम भटनागर, चित्रांश विवेक श्रीवास्तव, चित्रांश ओम हरि प्रधान की उपस्थिति में कुल देवता भगवान श्री चित्रगुप्त जी के मंत्र लेखन, स्वहस्त लेखन पुस्तिका को भगवान श्री चित्रगुप्त जी के श्रीचरणों में प्रस्तुत कर वितरण की अनुमति प्राप्त कर कायस्थ समाज के सनातन प्रेमियों, धर्मावालम्बियो को निःशुल्क लेखन पुस्तिका वितरण की।  

     इस अवसर पर श्री चित्रगुप्त समिति, शास्त्री नगर, जयपुर ने हमारे कुल देवता भगवान श्री चित्रगुप्त जी और मनोकामनेश्वर ‌श्री गणेश जी भगवान को हलुआ और पोष बड़े का भोग लगाया और सभी सनातन प्रेमियों को दोपहर 1 बजे से 04 बजे तक प्रसादी ग्रहण करवाई। समाज के सभी भामाशाह और सनातन प्रेमियों का स्वागत - अभिनन्दन किया।