देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद का जन्म दिवस कायस्थ समाज ने हर्षोउल्लास के साथ मनाया

 डॉ राजेंद्र प्रसाद का जन्म दिवस अंतरराष्ट्रीय चित्रांश दिवस के रूप में समस्त चित्रांश बंधुओ का मनाना चाहिए -  डॉ अनूप कुमार श्रीवास्तव

     नई दिल्ली। देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के जन्म दिवस पर आज राजेंद्र भवन, नई दिल्ली में पूर्व प्रधान आयुक्त तथा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय कायस्थ समाज सभा के डॉ अनूप कुमार श्रीवास्तव द्वारा माल्यार्पण किया गया तथा अंगवस्त्र पहनाया गया। 

     अखिल भारतीय कायस्थ समाज सभा के अशोक श्रीवास्तव (प्रधान महासचिव), डी के सक्सेना (अध्यक्ष, दिल्ली प्रदेश), अरविंद श्रीवास्तव (कार्यकारी अध्यक्ष) तथा अन्य पदाधिकारियों ने भी माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित की। 

     सभा में भारी मात्रा में आए हुए समस्त चित्रांश बंधुओ को धन्यवाद और बधाई देते हुए डॉ अनूप कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि वास्तव में संविधान बनाने का श्रेय डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को जाता है क्योंकि वह कांस्टीट्यूएंट असेंबली के अध्यक्ष थे। उन्हीं के विचारों, सोच पर हमारा संविधान आधारित है। 

     साथ ही डॉक्टर अनूप कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि अपने समाज से प्रथम राष्ट्रपति तथा द्वितीय प्रधानमंत्री के होते हुए भी आज कायस्थ समाज बहुत दयनीय अवस्था में आ गया है और उसका प्रमुख कारण समाज का संगठित न होना है। 

     देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के जन्म दिवस पर उन्होंने पूरे कायस्थ समाज, चित्रांश बंधुओ से एक होने की अपील की। इस अवसर पर डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के लिए यह कविता पढ़ी ---

जन्म, मरण सब देश के लिए ही रहा,

भारती की आन, मान, शान थे प्रसाद जो।

राजनेता, पत्रकार, लेखनी के साधक थे,

साथ - साथ नेक इन्सान थे प्रसाद जी ।।

देश में, विदेश में भी, करनी और कथनी से,

राष्ट्र भाषा के भी स्वाभिमान थे प्रसाद जी ।

देश, दुनिया के सारे दिलों में करेगे राज,

वास्तव में इतने महान थे प्रसाद जी ।।

     डॉ श्रीवास्तव ने सभी देश वासियों और समस्त चित्रांश बंधुओ से अपील की कि 3 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय चित्रांश दिवस के रूप में मनाना चाहिए।