राष्ट्रीय कायस्थ समागम लखनऊ ने दिया कायस्थ एकता का परिचय

News from -  अखिल भारतीय कायस्थ महासभा 

राजनीतिक नेतृत्व तथा व्यावसायिक नेतृत्व दोनों में ही भागीदारी बढ़ाने की आवश्यकता पर दिया जोर 

कायस्थों की उपस्थिति से रिवर फ्रंट गोमती, लखनऊ की तट हुआ गुलजार

     लखनऊ। के पी ट्रस्ट, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा तथा संगत पंगत के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय कायस्थ समागम का आयोजन कल दिनांक 8 जनवरी को लखनऊ में किया गया। पूर्व सांसद आर के सिनहा, वन एवं पर्यावरण मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार अरुण सक्सेना, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व आई आर एस प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर डॉ अनूप कुमार श्रीवास्तव (नईदिल्ली), स्वामी चक्रपाणि, पूर्व एमएलसी विंध्यवासिनी, एमएलसी डॉक्टर केपी श्रीवास्तव,  

     नेपाल से डॉ विजय कुमार दत्त चेयरमैन, मद्देशी आयोग काठमांडू नेपाल, काठमांडू से अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के अंतरराष्ट्रीय समन्वयक तथा मिशन 2 करोड़ चित्रांश के अध्यक्ष अनिल कर्ण, लखीमपुर मेयर श्रीमती ईरा श्रीवास्तव, बनारस से अखिल भारतीय कायस्थ महासभा की महिला अध्यक्ष सुश्री रीबू श्रीवास्तव, गुजरात से अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय महासचिव के के श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष संजय श्रीवास्तव बड़ोदरा,

     भोपाल से अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष वेद आशीष तथा अंतरराष्ट्रीय समन्वय दिनेश खरे, बरेली से अखिल भारतीय कायस्थ महासभा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष डॉ पवन सक्सेना, कोरवा छत्तीसगढ़ से विनोद सिंहा तथा देश के कोने-कोने से हजारों की संख्या में कायस्थ समाज के प्रतिनिधि कार्यक्रम स्थल पर्वतीय महापरिषद मंच निकट खाटू श्याम गोमती तट लखनऊ पहुंचे।

     सभी का स्वागत कार्यकम संयोजक आनन्द प्रकाश श्रीवास्तव मेंबर इंचार्ज कायस्थ पाठशाला प्रयागराज लखनऊ इस्टेट तथा कायस्थ पाठशाला प्रयागराज डॉ सुशील कुमार सिन्हा ने किया।

सफल हुआ कायस्थ समागम कार्यक्रम

     डॉ अनूप श्रीवास्तव ने कायस्थों को संगठित रहने का आह्वान किया और आगामी 12 जनवरी 2025 को स्वामी विवेकानंद और महर्षि योगी के जन्मदिवस पर अखिल भारतीय कायस्थ महासभा द्वारा दिल्ली में आयोजित होने वाली कार्यक्रम में सभी को आने का न्योता दिया। उन्होंने कहा कि गाय समाज हमेशा देश हित तथा सनातन धर्म की रक्षा के लिए जागरूक रहा है और कास्ट समाज का इतिहास बहुत ही वैभवशाली रहा है परंतु आज कुछ अपरिहार्य कर्म से समाज हाशिए पर आ रहा है। 

     इसलिए कायस्थ समाज में एकता और पुर्नजागृति की बहुत आवश्यकता है। पूर्व सांसद श्री आर के सिन्हा, वन एवं पर्यावरण मंत्री अरुण सक्सेना, एमएलसी डॉ के. पी. श्रीवास्तव तथा स्वामी चक्रपाणि के ओजस्वी पूर्ण वक्तव्य ने कायस्थ समाज को आईना दिखाने तथा उपलब्धियों को गिनाने का भी कार्य किया तथा उनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा को भी बढ़ाने का कार्य किया।