विश्वविद्यालय गोरखपुर में "भोजपुरी सिनेमा के सफर" पर वक्ता के साथ अरविंद चित्रांश का हुआ विशेष सम्मान

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अरविंद चित्रांश का हुआ विशेष सम्मान

     गोरखपुर। गोरखपुर विश्वविद्यालय के संवाद भवन में प्रसिद्ध लोक गायक राकेश श्रीवास्तव के अगुवाई में भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (भाई) और गोरखपुर विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगोष्ठी एवं 'माटी के लाल' सम्मान समारोह के अवसर पर 'भोजपुरी सिनेमा के सफर' विषयक संगोष्ठी में गौरवशाली पूर्वांचल के प्रधान संपादक एवं अंतर्राष्ट्रीय भोजपुरी संगम भारत के संयोजक अरविंद चित्रांश वक्ता के रूप में रहे, जिनका विशेष सम्मान किया गया।      

    अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगोष्ठी में विशेष उपस्थिति गोरखपुर के मेयर डॉ० मंगलेश श्रीवास्तव, गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो० पूनम टंडन, मॉरीशस से डॉ० सरिता बुधु, नेपाल भाषा आयोग के अध्यक्ष डॉ गोपाल ठाकुर की रही।

     भोजपुरी सिनेमा में गीत अ लेखन पर अश्लीलता के प्रति कइसे सुधार होई ई चर्चा क विषय बनल रहल, सब लोग आपन आपन मत रखलन,कुछ लोग दर्शक के ही जिम्मेदार ठहरा देहलन त कुछ लोग फिल्म क कहानी अउर गीत के लेखन के भी दोषी कहलन, का सही बा के जिम्मेदार बा एकर निरणय अउर सुधार गंभीरता से करे के पड़ी।

     अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगोष्ठी में मुख्यअतिथि मॉरीशस से डॉ० सरिता बुधु, नेपाल भाषा आयोग के अध्यक्ष डॉ गोपाल ठाकुर, सिंगापुर भोजपुरी संगठन  के नीरज चतुर्वेदी, प्रसिद्ध गीतकार संगीत सुभाष, प्रसिद्ध लोकशास्त्री हरिप्रसाद सिंह, लोक कला साधक हीरा शर्मा, प्रसिद्ध साहित्यकार कनक किशोर, भोजपुरी के दिग्गज गुरु डॉ० बृज मोहन मिश्र, प्रो.जयकांत सिंह, विभाग अध्यक्ष,


     विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर भोजपुरी विभाग, मुजफ्फरपुर, गाजीपुर डिग्री कॉलेज से भोजपुरी के विद्वान रामनयन तिवारी, फिल्म निर्माता निर्देशक यशीद्र प्रसाद, मुख्य वक्ता मनोज भावुक, संचालक शिवेंद्र पांडेय, आकृति विज्ञा, डॉ ज्योति सिंह, सदस्य-संगीत नाटक अकादमी उत्तर प्रदेश, प्रो० चितरंजन मिश्र, प्रो० प्रभाकर सिंह, समन्वक भोजपुरी अध्ययन वी.एच.यू. वाराणसी, पूर्वकुलपति हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा, केशव मोहन पांडेय, सर्वभाषा ट्रस्ट दिल्ली, पुस्तक "आइल बसंत" के लेखक डॉ आदित्य कुमार अंशुल आदि

महत्वपूर्ण लोग यह जुटरों में भिखारी ठाकुर क विदेशिया और फरुआही नृत्य क शानदार प्रस्तुति में बहुत  सुन्नर जुटान भइल। जेह में बहुत नीक-नीक बात सुने अउर समझे के मिलल। अउर एगो बढ़ियां बात ई रहल कि ई आयोजन अंग्रेज़ी विभाग के सहयोग से आयोजित भइल रहल, ओहां कई ठो पुरनियां-पुरनियां विद्वान लोगन के गूढ़ ज्ञान के बात कई गो कितबियो पढ़ले में ना मिली, 

     अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगम भारत के संयोजक अरविंद चित्रांश ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगोष्ठी गोरखपुर में उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के पूर्व सदस्य एवं प्रसिद्ध लोकगायक राकेश श्रीवास्तव के अगुवाई में भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (भाई) एवं गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अजय शुक्ल के संयुक्त तत्वधान में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस तरह से भोजपुरी का सम्मेलन और अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी हर विश्वविद्यालय को हमेशा करते रहना चाहिए।