चलो शहीद स्मारक 7 दिसंबर, शनिवार पुलिस कमिश्नरेट के सामने M.I.Road, जयपुर

News from - PPI Desk

 सभी पत्रकार साथियों चलो शहीद स्मारक 7 दिसंबर, शनिवार पुलिस कमिश्नरेट के सामने एम आइ रोड, जयपुर 

     जयपुर। सन्नी आत्रेय (प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान पीरियोडिकल प्रेस ऑफ़ इंडिया), (राष्ट्रीय पत्रकार संगठन ) का सभी पत्रकार समूहों को साथ लेकर ऐतिहासिक विशाल धरना 7 दिसंबर, शनिवार पुलिस कमिश्नरेट ऑफिस के सामने शहीद स्मारक, एम आइ रोड, जयपुर, राजस्थान पर दोपहर 12 से 4 रखा गया है। 

     सरकार का ध्यान आकर्षण करने के लिए सांकेतिक धरना जिसमें पत्रकारों के हितों की रक्षा, सुरक्षा व अन्य जायज मांगों को लेकर अपनी बात रखी जाएगी। लंबे समय से सरकार से संवाद जारी है किंतु अभी तक पत्रकार सुरक्षा कानून राजस्थान सरकार ने लागू नहीं किया है, जिसके लिए पत्रकारों में भारी रोश है। 

     आए दिन पत्रकार अपराधियों के सबूत उनके कैमरे में होने के कारण उनकी लेखनी से प्रकट होने के कारण उनके टारगेट पर रहते हैं। कभी पत्रकारों के कैमरे टूटते हैं तो कभी हाथ पांव टूटते हैं। यहां तक की पत्रकारों की जान भी गई है। पत्रकारों की हत्या होती है और उसे दुर्घटना का रूप दे दिया जाता है। पत्रकारिता करने के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून अत्यंत आवश्यक है। यह पत्रकारों का हक है और इसे हम लेकर रहेंगे। 

     पत्रकारों की अन्य महत्वपूर्ण मांगे - लंबित आवासीय योजना, लघु - मंझौल समाचार पत्रों के लिए नियमित विज्ञापन नीति, डिजिटल मीडिया के लिए स्पष्ट पॉलिसी, साथ ही मुख्य धारा से जोड़ा जाए। गैर अधिस्वीकृत पत्रकारों को भी अधिस्वीकृत पत्रकारों की भांति सरकार सुविधा प्रदान करते हुए, गैर अधिस्वीकृत पत्रकारों को भी मेडिक्लेम पॉलिसी का लाभ प्रदान करें। 

     पत्रकार हितों की मांगो को लेकर मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षण करने के लिए शहीद स्मारक, एम आइ रोड पर 7 दिसंबर, शनिवार को दोपहर 12 से 4 विशाल धरने का आयोजन किया गया है, जिसमें जयपुर भर के सभी पत्रकार ही नहीं अपितु जयपुर से बाहर से भी भारी संख्या में पत्रकार धरने में शामिल होने के लिए आ रहे हैं। 

     साथ ही यह भी सूचना आ रही है कि 7 दिसंबर को 12 से 4 अन्य जिलों में भी पत्रकार ऐसे सांकेतिक धरनो का आयोजन कर रहे हैं। इस विशाल धरने की गूंज राजस्थान सरकार को भी सुनाई देगी और यह गूंज दिल्ली तक भी जाएगी ऐसा हमारा विश्वास है। 

     अधिकाधिक संख्या में धरने पर आकर इसे सफल बनाने की अपील की जाती है। अन्य सहयोगी समूह भी इसे सफल बनाने के लिए आगे आ रहे हैं, हम उनके भी आभारी हैं। पत्रकार एकता जिंदाबाद - पत्रकार सुरक्षा कानून लागू हो!