यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, जयपुर में डिजिटल युग में सामाजिक न्याय पर कॉन्फ्रेंस आयोजित

News from - UOT

 डिजिटल युग में सामाजिक न्याय पर अंतरराष्ट्रीय मंच: यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, जयपुर में एकदिवसीय कॉन्फ्रेंस आयोजित

     जयपुर। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, वाटिका, जयपुर में "डिजिटल मानवीयता: सामाजिक न्याय आंदोलन में प्रौद्योगिकी की भूमिका" विषय पर एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस आयोजित की गई। इस आयोजन में भारत समेत विभिन्न देशों के 300 से अधिक प्रतिभागियों ने हाइब्रिड मोड में हिस्सा लिया। राजस्थान यूनिवर्सिटी के पूर्व डीन, डॉ. मथुरेश्वर पारीक, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे और उन्होंने इस कांफ्रेंस को वर्तमान परिदृश्य के लिए अत्यंत प्रासंगिक बताया।

       विशेष अतिथि, साबरमती विश्वविद्यालय अहमदाबाद के डायरेक्टर, डॉ. परशुराम धाकड़ ने यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर प्रगति की सराहना की और कहा कि इस विषय पर भारत में शायद ही पहले कोई अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस हुई हो। प्रमुख वक्ता प्रोफेसर प्रमोद कुमार पांड्या और डॉ. वेलेंटीना आर. ओनीसर ने शोधार्थियों को विषय के विविध पहलुओं से परिचित कराया।

     कुलपति प्रोफेसर के.एस. राणा ने इस कांफ्रेंस को शोधार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी बताया, जबकि दीपशिखा कला संस्थान के चेयरपर्सन, डॉ. प्रेम सुराणा ने व्याख्यानों की सराहना की। प्रो चांसलर, डॉ. अंशु सुराणा ने इस आयोजन की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए भविष्य में ऐसे नवीनतम विषयों पर संगोष्ठी करने का सुझाव दिया।


     प्रोवोस्ट प्रोफेसर राजीव कुक्कर ने विश्वविद्यालय की विशेषताओं का परिचय दिया। प्रोफेसर आर. के. शर्मा ने सम्मेलन के विषय पर प्रकाश डालते हुए डिजिटल मानवीयता और तकनीकी प्रभाव की चर्चा की। डीन एकेडमिक, प्रोफेसर भुवन चंद्रा ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। शोधार्थियों और संकाय सदस्यों ने डिजिटल तकनीकी के माध्यम से सामाजिक न्याय को सशक्त बनाने पर अपने विचार साझा किए।

     कार्यक्रम के समापन पर मुख्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार, डॉ. अनूप शर्मा, कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन, डॉ. कमल किशोर जांगिड़, डीन रिसर्च, डॉ. रोहित सारस्वत सहित सभी डीन, विभागाध्यक्ष और कर्मचारी उपस्थित रहे।