रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि के जन्मदिवस पर विशेष

News from - Arvind Chitransh  

संस्कृत महाकाव्य रामायण (राम की जीवन-यात्रा) के रचयिता महर्षि वाल्मीकि के जन्मदिवस पर विशेष

    आजमगढ़। महर्षि वाल्मीकि जयंती पर शुभकामनाओं के साथ दिल्ली क्राइम ब्रांच के चीफ, स्पेशल पुलिस कमिश्नर आदरणीय देवेश चंद्र श्रीवास्तव (IPS) जो देशप्रेम, साहित्य और सामाजिक सरोकार के प्रति गंभीर विचार रखने वाले वरिष्ठ आईपीएस ऑफिसर ने लोककला संरक्षक, प्रधान संपादक अरविंद चित्रांश की पुस्तक "गौरवशाली पूर्वांचल" का अवलोकन करते हुए कहा कि 

     संस्कृत के पहले महाकाव्य रामायण के रचयिता, आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जी ने हमें समाज में सौहार्द और भाईचारे की भावना को मज़बूत करने की प्रेरणा देते हैं, साथ ही जीवन में मर्यादाओं को निभाने की उनकी शिक्षा भी बेहद प्रेरणादायक है।

     हिन्दू धर्म के श्रेष्ठ गुरु, रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि (रत्नाकर) जी का जन्म महर्षि कश्यप और अदिति के नौवें पुत्र वरुण और उनकी पत्नी चर्षणी के घर हुआ था। संस्कृत साहित्य परम्परा में रामायण और महाभारत को इतिहास कहा गया है और दोनों सनातन संस्कृति के सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय ग्रन्थ हैं। 

     रामायण के सात अध्याय हैं जो काण्ड के नाम से जाने जाते हैं। इसमें कुल लगभग 24,000 श्लोक हैं। संस्कृत एवं अन्य भारतीय भाषाओं के साहित्य पर इस महाकाव्य का बहुत प्रभाव है। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगम भारत के अंतर्राष्ट्रीय संयोजक अरविंद चित्रांश और भोजपुरी फिल्मों के डिस्ट्रीब्यूटर और प्रोड्यूसर प्रवीण सिंहा मौजूद रहे।