News from - Kisan Mahapanchayat
किसान की खुशहाली के बिना आजादी अधूरी है, खुशहाली के दो आयाम – ऋण मुक्ति और पूरे दाम
जिसे निम्न सारणी में दर्शाया गया है:-
रबी 2022 में
उर्वरक आपूर्ति
(13.11.2022 तक)
यूरिया (मात्रा लाख मैट्रिक टन में) |
माह स्वीकृत मांग आपूर्ति शेष |
अक्टूबर 4.50
2.89 1.61 |
नवम्बर 4.50 1.76 2.74 |
योग 9.00 4.65 4.35 |
डीएपी (मात्रा लाख मैट्रिक`टन में) |
माह स्वीकृत मांग आपूर्ति शेष |
अक्टूबर 2.00
1.65 0.35 |
नवम्बर 1.20 0.5 0.70 |
योग 3.20 2.15 1.05 |
सरकारों कीदूरदर्शिता का अभाव एवं संवेदनहीनता के कारण किसानो को उर्वरको के संकट से झुझना ही नही पड़ रहा बल्कि घर का काम छोड कर भूखे प्यासे रह कर लाइनों में लगना पड़ रहा है. इतना ही नही तो पुलिस के डंडे-लाठी, धक्का-मुक्की एवं गाली-गलोच से अपमानित होना पड़ रहा है. यह तो तब है जब उर्वरक देने वाली केंद्र सरकार में राजस्थान से शत प्रतिशत सांसद लोकसभा में राजस्थान की जनता ने निर्वाचित करके भेजे हैं।
इसी प्रकार राजस्थान में सरकार बनाने के लिए एक दल को बहुमत दिया है. किसानों कि पीड़ा उन दोनों सत्तारूढ़ दलों को ही दिखाई नहीं दे रही है, जबकि किसानों को पुलिस की लाठी-गालियां एवं धक्का-मुक्की से बचाने के लिए यूरिया को नीम लेपित बनाकर उसकी सहज उपलब्धता के लिए केंद्र सरकार की और से ढोल पीटे जा रहे हैं. दूसरी ओर किसानों के कारण ही बनी राज्य सरकार भी किसानों को यूरिया एवं डीएपी दिलाने के लिए प्रभावी पैरवी नहीं कर रही है. प्रतीत होता है कि दोनों राजनैतिक दलों का इस और ध्यान ही नहीं है. आखिर किसान जाए तो जाए कहां ?
किसानों को अपनी सुख-सुविधाओं के लिए उर्वरकों की आवश्यकता नहीं है बल्कि यह देश के लिए उत्पादन से जुड़ा विषय है। डीएपी की उपलब्धता नही होने से जहाँ सरसों की बुआई विपरीत रूप से प्रभावित हुई. यही स्थिती अब गेहू एवं चने के लिए किसानो को भुगतनी पड़ रही है तथा सिंचाई के समय यूरिया की कमी के कारण इन उपजो में भी भुगतनी पड़ेगी।