जांच में बाधा बन रहे है मंत्री, राज्य सरकार पीड़िता के आरोपों की जांच ना कर महिलाओं, पत्रकारों का कर रही है अपमान
जयपुर। राजधानी जयपुर की 23 वर्षीय महिला पत्रकार द्वारा रविवार को राज्य के जलदाय मंत्री डॉ महेश जोशी के पुत्र रोहित जोशी पर बलात्कार, जान से मारने की धमकी सहित भवंरी कांड को दोहराने की धमकी देने के आरोप में दिल्ली में एफआईआर दर्ज करवाई थी। सामाजिक कार्यकर्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने बुधवार को जारी अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि " चार दिन बीत जाने के बावजूद राज्य सरकार ने इस मामले पर बिल्कुल भी गंभीरता ना दिखाते हुए, पीड़िता के आरोपो की ना जांच करवाई, ना ही आरोपी रोहित जोशी को हिरासत में लिया और ना ही जलदाय मंत्री डॉ महेश जोशी को बर्खास्त किया।" जिससे प्रतीत होता है कि राज्य का पूरा शासन और प्रशासन केवल आरोपी को बचाने की जुगत में लगा पड़ा है, क्योकि आरोपी के पिता राज्य के प्रभावशाली मंत्री है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी है।
अभिषेक जैन ने कहा कि राजस्थान सरकार पीड़िता की शिकायत ना दर्ज कर पहले ही राजस्थान को शर्मशार कर चुकी है और अब जब अन्य राज्य में पीड़िता ने अपनी शिकायत दर्ज करवाई तो भी राज्य सरकार मामले की गंभीरता को नही समझ रही है। राज्य सरकार और प्रशासन के रवैये से प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठना लाजमी है जिससे प्रतीत होता है कि प्रदेश में कांग्रेस शासन के दौरान ना महिलाएं सुरक्षित है ना बालिकाएं सुरक्षित है। राज्य सरकार महिलाओं, बालिकाओं को ना न्याय दिलवा रही है और ना ही मामलों की शिकायतों को दर्ज कर कोई कार्यवाही कर रही है।
जैन ने कहा कि आरोपी को लेकर मुख्यमंत्री, मंत्री और कांग्रेस के नेताओ द्वारा जिस प्रकार की बयानबाजी सामने आ रही है उससे भी साफ प्रतीत होता है कि राज्य सरकार इस मामले में ना दिल्ली पुलिस का सहयोग करेगी और ना ही राजस्थान में इस मामले पर कोई शिकायत दर्ज करेगी। मंत्री अपने पद की प्रतिष्ठा के चलते जांच में बाधा बन रहे है, जब तक मंत्री पद पर रहेंगे निष्पक्ष जांच बिल्कुल भी संभव नही है। राज्य सरकार पीड़िता के आरोपों की जांच ना कर महिलाओं और पत्रकारों का ना केवल अपमान कर रही है बल्कि जांच को प्रभावित कर आवाज उठाने वाली महिलाओं को डराने का भी काम कर रही है।