आरोपी को फरार करवाने में मंत्री और राज्य सरकार का हाथ
जयपुर। शहर की 23 वर्षीय युवती ने मंत्री डॉ महेश जोशी के पुत्र रोहित जोशी पर दुष्कर्म, मार-पीट, जान से मारने की धमकी सहित भंवरी कांड दोहराने की धमकियों देने का आरोप लगाते हुए, दिल्ली में एफआईआर दर्ज करवाई थी। इस मामले में डॉ महेश जोशी सहित पीसीसी अध्यक्ष तक ने बयानबाजी कर आरोपी रोहित शर्मा का पक्ष लिया था अब वह आरोपी राज्य सरकार के संरक्षण के चलते फरार हो गया है।
इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने एक बार फिर सवाल खड़े करते हुए कहा कि एक तरफ डॉ महेश जोशी अपने पुत्र को बचाने के लिए उससे आरोपी मानने से ही इनकार कर रहे है और अपने संस्कारों का हवाला देकर अपने पुत्र पर लगे बलात्कार के आरोप को सिरे से खारिज कर रहे और वही दूसरी तरफ अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अपने बेटे को छुपा रहे है। जब डॉ महेश जोशी अपने पुत्र को लेकर सन्तुष्ट है तो वह जांच और गिरफ्तारी से क्यो भाग रहे है, सत्ता का प्रभाव इस्तेमाल कर क्यो अपने बेटे को छुपा रहे है। जांच क्यो नही होने देना चाहते। जांच होगी तो सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि डॉ महेश जोशी ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर पहले राज्य में युवती की शिकायत दर्ज नही होने दी और अब जब युवती थकहार कर दिल्ली में अपनी शिकायत दर्ज करवाई है तो डॉ महेश। जोशी उसमें में अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर जांच नही होने दे रहे है। दिल्ली पुलिस युवती की शिकायत पर जांच करने आई है तो आरोपी रोहित जोशी और उसके परिजनों को जांच में सहयोग करना चाहिए। छुपने और भागने से वह ना आरोप मुक्त होंगे और ना ही सज़ा से बच पाएंगे।
रोहित जोशी के छुपने और भागने की हरकतों से साफ प्रतीत होता है कि दाल ने कुछ काला है और पीड़िता के आरोप सच है। बेटे के फरार होने के मामले में डॉ महेश जोशी से पूछताछ होने चाहिए और उनकी भूमिका की जांच भी होनी चाहिए। जब तक मामले का हल नही निकलता तब तक के लिए राज्य सरकार को डॉ महेश जोशी को मंत्री पद से बर्खास्त करना चाहिए।