सीकर. सीकर में सरकारी टीचर के छोटे बेटे की शादी के छह माह बाद ही ब्रेन स्ट्रोक के कारण मौत हो गई. युवावस्था में ही बहू के विधवा हो जाने पर सरकारी शिक्षिका ने उसकी दूसरी शादी कर एक समाज के सामने उदाहरण पेश किया. सास ने बहू को बेटी की तरह विदा ही नहीं किया बल्कि इससे पहले उसे पढ़ाया - लिखाया और ग्रेड फर्स्ट की लेक्चरर बनाया. टीचर ने बेटे की शादी भी बिना दहेज के करके मिसाल पेश की थी.
रामगढ़ शेखावाटी के ढांढण गांव की सरकारी अध्यापिका कमला देवी के छोटे बेटे शुभम और सुनीता किसी कार्यक्रम में एक-दूसरे से मिले. शुभम ने यह बात घर पर बताई तो उन्होंने शादी के लिए सुनीता के घर वालों से बात की. शादी के समय सुनीता के परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी. उन्होंने सुनीता को बिना दहेज अपने घर की बहू बनाया. शुभम और सुनीता की शादी 25 मई 2016 को हुई. शादी के बाद शुभम MBBS की पढ़ाई करने के लिए किर्गिस्तान चला गया, जहां नवंबर 2016 में उसकी ब्रेन स्ट्रोक से मौत हो गई.
इसके बाद सास ने बहू को अपनी बेटी की तरह प्यार दिया. उसे पढ़ाया-लिखाया और लेक्चरर बनाया. फिर 5 साल बाद अपनी बेटी की तरह धूमधाम से दूसरी शादी की. शिक्षिका कमला देवी ने बताया कि सुनीता ने पहले तो अपने माता-पिता के यहां जन्म लेकर उनके घर को खुशियों से भरा. शादी के बाद उनके घर में एक बेटे की तरह रही. बीते शनिवार को मुकेश के साथ उसकी शादी हुई है. अब वह मुकेश के घर को भी खुशियों से भर देगी.
आई सुमन बगड़िया से हुई थी, जिसकी सड़क हादसे में मौत हो गई.