मोनिका को न्याय कब मिलेगा ?
चित्रकूट थाना आला अफसरों की भी नहीं सुनते
65 लाख की धोखाधड़ी की शिकार मोनिका ने लगाये पुलिसिया कार्यवाही पर गम्भीर आरोप
विकास शर्मा क्यों है अब तक गिरफ्त से दूर ?
(पीडिता मोनिका) |
ध्यान देने की बात है कि जब भी डीसीपी कार्यालय से विकास शर्मा बाबत कोई निर्देश जारी होते तो वह सूचना विकास शर्मा तक तुरंत पहुंच जाती और वह कोर्ट में वकालतनामा दाखिल कर देता। इसी दौरान उसने 482 और 438 की याचिका भी लगाई। जिसमें मामले की गंभीरता को समझते हुए कोर्ट ने दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया। अभी कुछ दिनों पूर्व माननीय उच्च न्यायालय के सामने विकास शर्मा ने मोनिका के पैसे लौटाने का वादा किया जो कि कोर्ट की प्रोसिडिंग में शामिल भी है। लेकिन 9 दिसंबर को विकास शर्मा ने कोर्ट के सामने पैसे की व्यवस्था नहीं हो पाने का बहाना बनाया। जिसे जज साहब ने विकास शर्मा की बदनियति भांपते हुए उसका प्रोटक्शन निरस्त करने के आदेश दिये।
पीडिता मोनिका ने आरोप लगाते हुए बताया की अब तक विकास शर्मा चित्रकूट थाने की गिरफ्त से दूर क्यों है ? कैसे विकास शर्मा तक आला अफसरों द्वारा निर्देशित सूचनाएँ पहुंच जाती है ? क्या चित्रकूट थाना अधिकारी व आईओ वासुदेव की कोई सांठगांठ है विकास शर्मा से ? अब जब तस्वीर साफ हो चुकी है कि विकास शर्मा कबूल कर चुका है कि मोनिका को वापस पैसा देने के लिए. तो फिर इतने दिनों से विकास शर्मा बाहर क्यों है ? क्या चित्रकूट थाने को पुलिस की स्वच्छ छवि का बिल्कुल भी ख्याल नहीं है ? यह अपने आप में एक बहुत बड़ा सवाल है की मोनिका को न्याय कब मिलेगा?