From - बबल महाराज
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हमारे सनातन धर्म में हर महीने ही व्रत, उपवास होते हैं. कभी कोई किसी बात का व्रत करता है तो कोई उपवास। साधारण रूप से देखने पर इनमें आम जन कोई अंतर् नहीं बता पाता है परन्तु बबल महाराज ने इस ओर ध्यान आकर्षित किया है. उन्होंने साधारण शब्दों में आमजन के लिए बताया ---उपवास
●●●●● उपवास किया जाता है |
एक दिन या अधिक दिन तक भोजन त्याग कर निराहार रहना उपवास की श्रेणी में आता है |कई बार अन्न को त्याग कर फलाहार करना भी उपवास की श्रेणी में आता है | गांधी जी ने उपवास पर बल दिया था
व्रत
●●●●●● व्रत लिया जाता है |इसमें दृढ़ संकल्प के साथ प्रतिज्ञा ली जाती है | जैसे भीष्म पितामह ने आजीवन ब्रह्मचारी रहने का संकल्प लिया था ||
नवरात्रों में कई भक्त 9 दिन तक निराहार का संकल्प लेते हैं ||
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