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आरटीई पुनर्भरण : फर्जी भुगतान उठाने वाले निजी स्कूलों की मान्यता हो रदद्
जयपुर। आरटीई पुनर्भरण को लेकर निजी स्कूल संचालक तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे है. एक तरफ निजी स्कूल अभिभावकों पर पूरी फीस जमा करवाने के दबाव बना रहे है तो वही दूसरी तरफ आरटीई का भुगतान प्राप्त करने के लिए ये निजी स्कूल संचालक फर्जी दस्तावेज सबमिट कर रहे है. किसी के नाम, तो किसी पते फर्जी सबमिट कर रहे है. यही नही छात्र-छात्राओं के आधार कार्ड नम्बर और पिता तक के एक समान नाम सबमिट कर दिए। जिससे साफ अंदेशा लगाया जा सकता है कि निजी स्कूल सरकारी खजाने में बहुत बड़ी चपेट लगाने की साजिश रचकर छात्र-छात्राओं के भविष्य से किस कदर खिलवाड़ कर रहे है। जानकारी के मुताबित 10 हजार से अधिक ऐसे निजी स्कूल संचालक है जिन्होंने आरटीई के रिकॉर्ड तक जमा नही करवाये। संयुक्त अभिभावक संघ मांग करता है कि फर्जी भुगतान उठाने वाले निजी स्कूलों की मान्यता तत्काल रदद् की जाए और सरकार प्रशासन को नियुक्त कर स्कूलों का अधिकार अपने कब्जे में लेंवे।
संयुक्त अभिभावक संघ प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि स्वयं शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों की जांच कर फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है, निजी स्कूलों द्वारा आईटीआई पुनर्भरण को लेकर दिए गए फर्जी तथ्यों से निजी स्कूलों की हकीकत सामने आ गई है। शिक्षा निर्देशक सौरभ स्वामी दावा कर रहे है कि फर्जीवाड़ा करने वाले स्कूलों पर शिकंजा कसा जाएगा जो पूरी तरह से खियाली पुलाव की तरह लगता है। संयुक्त अभिभावक संघ की मांग है आरटीआई पुनर्भरण के तहत ब्यौरा भेजने वाले स्कूलों की सूचना सार्वजनिक की जाए, जो स्कूल फर्जीवाड़ा करता हुआ पकड़ा जाए उन्हें जनता के सामने लाया जाए साथ ही फर्जीवाड़ा करने वाले स्कूलों के पदाधिकारियों पर नामज़द एफआइआर दर्ज की जाए एवं सरकार प्रशासक नियुक्त कर स्कूलों का अधिकार अपने पास लेंवे।