तत्कालीन नशे के आदी ACP मानसरोवर संजीव चौधरी APO, पत्रकारों के संघर्ष की जीत

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 वर्दी की धौंस, अपनी अकड़ और नशे के आदी तत्कालीन मानसरोवर ACP  संजीव चौधरी APO,

यह पत्रकारों के संघर्ष की जीत है. .... वरिष्ठ पत्रकार  सन्नी आत्रेय को धमकी देने के मामले में विगत 5 माह से पत्रकार थे लामबन्द 

मुख्यमंत्री से पुनः की पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग

      जयपुर -- शाम होते ही नशे मे चूर संजीव चौधरी का फोन के जरिये धमकाने का सिलसिला शुरू हो जाता। फिर वह पत्रकार हो या कोई और गश्त पर भी वह राहगीरों से उलझ, उनके साथ मारपीट तक उतर आते। मानसरोवर इलाके में खौफ का माहौल बना रखा था। कमिश्नरेट में ना जाने कितनी शिकायतें होंगी संजीव चौधरी के खिलाफ। 

     ऐसा ही एक मामला दिसम्बर का है. जिसमें वरिष्ठ पत्रकार सन्नी आत्रेय को  फोन के जरिये धमकी दी गई। धमकी में अभद्र भाषा में पत्रकार सन्नी आत्रेय को गन्तव्य तक नही पहुंच पाने, गड्डी चढ़ जाने आदि अपशब्दों  का प्रयोग करते हुए - तू मुझे नहीं जानता, मेरी वर्किंग नहीं जानता, मुकदमा दर्ज तक करने की बात कही थी। इसी के मद्देनजर वरिष्ठ पत्रकार सन्नी आत्रेय ने शिकायत के रूप में मुख्यमंत्री, डीजीपी, पुलिस आयुक्त आदि को परिवाद दिया था।


     इसी क्रम  में सभी पत्रकारों व सर्व समाज के लोगों ने आए दिन लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर हो रहे हमले व मिल रही धमकियों के चलते माह जनवरी में शहीद स्मारक पर विशाल धरना दिया। फरवरी में शांति मार्च पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर मुख्यमंत्री निवास तक निकाला गया। गौरतलब है इस दौरान तत्कालीन एसीपी मानसरोवर संजीव चौधरी कई पत्रकारों को भी धमका चुका है।

     अभी हाल ही में 7 जुलाई की रात, मुहाना थाना क्षेत्र में सजीव चौधरी द्वारा सड़क किनारे खड़े युवा वकीलों से नशे में धुत होकर मार-पीट करने का एक और मामला सामने आया है। बहरहाल अब पुलिस महानिदेशक मोहन लाल लाठर के आदेशानुसार संजीव चौधरी को अग्रिम आदेशों तक  एपीओ कर दिया गया है।