विरह का दर्द

Poem - MAHESH KUMAR PANDEY (JAIPUR)

विरह का दर्द

वनवास में विरह का दर्द उर्मिला से पूछो

सीता से पूछोगे तो धर्म ही बताएगी

मोहब्बत का अर्थ राधा से पूछो

रुक्मिणी से पूछोगे तो अधिकार ही बताएगी


सेवा का मतलब श्रवण कुमार से पूछो

हनुमान जी से पूछोगे तो आनंद ही बताएँगे

और ज़हर का स्वाद शिव से पूछो

मीरा से पूछोगे तो अमृत ही बताएगी

एक पंक्ति आप सब को मेरी तरफ से

लोकडॉन का अर्थ गरीबो से पूछो

अमीर से पूछोगे तो मजा ही बताएंगे।

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