News from - अभिषेक जैन बिट्टू
जनता एक साल से स्कूल फीस, बिजली बिल, रोजगार, व्यापार मांग रही है
बिना कमाई घर कैसे चले, 2 रोटी के लिए घर से बाहर आना ही पड़ेगा, सरकार तो मौन भी है और गोल भी है
जयपुर। सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने शनिवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री पर बड़ा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि राजस्थान सरकार " कोरोना " से जनता को राहत देने में बुरी तरह से नाकाम साबित हुई है, अब हालात बेकाबू हो रहे है तो मुख्यमंत्री इसका ठीकरा भी प्रदेश की जनता पर फोड़ अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ अब जनता को हड़का रहे है।
अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि प्रदेश की जनता पिछले एक वर्ष से कोरोना महामारी की मार झेलने पर मजबूर हो रही है लाखो लोग बेरोजगार हो गए है, कइयों के काम-धंधे चौपट हो गए है ऐसी स्थिती में प्रदेश की जनता अपने परिवार का पालन पोषण कैसे करें।
जैन ने कहा कि प्रदेश की जनता एक साल से बन्द पड़े निजी स्कूलों की लूट पर संज्ञान लेने की मांग राज्य सरकार से कर रही है, लगातार बिजली के दाम बढ़ रहे है, बिना कमाई जनता कैसे बिजली के बिल जमा करवाये राज्य सरकार को यह स्थिति भी स्पष्ट करनी चाहिए।
जबर्दस्ती अभिभावकों को डर दिखा कर फीस लूटी जा रही है, फीस जमा ना होने पर बच्चों की पढ़ाई रोकी जा रही है अनगिनत शिकायतों के बावजूद कोई कार्यवाही करने को तैयार नही है सरकार कोई पहल करने को तैयार नही है, लाखों लोगों के काम-धंधे छूटने से दो वक्त की रोटी तल जुगाड़ करना लोगो के लिए मुश्किल हो रहा है।
बाड़ेबंदी, चुनाव प्रचार पूरा हो गया तो जनता फिर दोषी
मुख्यमंत्री को चुनाव पूरा होते ही सभी संवैधानिक एजेंसियां, कोर्ट आदि अब दोषी नजर आने लगे जबकि लॉकडाउन के दौरान बाड़ेबंदी का खेल खुद सरकार ने खेला, सारे नियम, कानून को ताक पर रखकर वह सभी कार्य किये जिससे जनता को बल मिला और अब जब तीन सीटों का उपचुनाव चल रहा था तब भी सरकार ने कोई पहल नही की बल्कि प्रतिदिन बड़-चढ़कर तीनों विधानसभा क्षेत्रों अनगिनत संभाए की, बिना मास्क लगाए सरकार के प्रतिनिधि वोट मांगते रहे और अब जब चुनाव प्रचार पूरा हो गया तो जनता को कटघरे में खड़ा करना कोनसा तुक है।
जब ऐसी विकट परिस्थियों में सरकार जनता का ख्याल नही रखेगी तो जनता को खुद के परिवार के पालन-पोषण की जिम्मेदारी खुद ही उठानी पड़ेगी, 2 रोटी का जुगाड़ करने के लिए जनता को घरों से बाहर ही निकलना पड़ेगा। मुद्दों पर सरकार मौन भी है और गोल भी है।