देवघर (झारखण्ड) : दो दिन पूर्व झारखण्ड के विधायक इरफान अंसारी जो कि इस्लाम मजहब से सम्बंध रखते हैं का बाबाधाम शिव मंदिर में प्रवेश और पूजन करना सनातनियों के आत्मसम्मान को धक्का लगने के समान है. इसमें हिन्दू धर्म के कुछ लोगों या पंडा का सहयोग करना, यह दर्शाता है कि वे अपना विवेक खो चुके हैं और वे वही गलती कर रहे हैं, जिसे हमारे पूर्वजों ने मुसलमानों को शरण देकर की थी. अब उनकी इतनी हिम्मत बढ़ गई है कि वोट की खातिर मंदिर में प्रवेश करने से भी नहीं हिचक रहे हैं. इस तरह की प्रतिक्रिया सत्य सनातन रक्षा सेना के राष्ट्रीय संयोजक और राष्ट्रीय सनातन वाहिनी के राष्ट्रीय महासचिव (धर्म प्रकोष्ठ) अजीत सिन्हा ने प्रकट की और कहा कि यदि विधायक महोदय को पूजन करना ही थी तो इसके लिए वे अपने धर्म का परित्याग कर, शुद्धिकरण के पश्चात् सनातन धर्म को स्वीकार कर, पूजन करते, जिससे सभी सनातनियों को खुशी होती लेकिन सनातन धर्म के लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना। यह कहां तक न्यायोचित है? मेरी समझ से इसके लिए उन्हें अपनी गलतियों को स्वीकार कर माफ़ी मांगनी चाहिये।
आगे अजीत सिन्हा ने कहा कि मैं यह पूछना चाहता हूं विधायक महोदय से कि कितने हिन्दुओं को मस्जिदों में प्रवेश मिलता है? हिन्दू धर्म के मानने वालों का सम्मान किया जाता है? हाँ इतना जरूर है कि कुछ लोग अज्ञानता वश और इस्लाम धर्मावलंबियों के द्वारा फैलाए गये जाल की वज़ह से, कुछ हिंदू मजारों पर जाते हैं जो कि सर्वथा गलत है. मैं इसका पुरजोर विरोध करता हूं और मुस्लिमों द्वारा मंदिर में प्रवेश व पूजन को भी गलत मानता हूँ क्योंकि इस्लाम धर्म वाले मुशिक या मूर्ति पूजन को गलत मानते हैं. इस तरह से वे अपने धर्म की मान्यताओं को भी नहीं मान रहे हैं और इस पर उनके धर्म के लोगों की चुप्पी मुझे किसी साजिश की ओर संकेत कर रही है. इसके लिए सनातन धर्म के हिन्दुओं को सावधान रहने की आवश्यकता है. क्योंकि सामाजिक भाइचारे के अंतर्गत अधिक शक्तिशाली होने पर हिन्दुओं का सफाया करने या उनका बलपूर्वक धर्म परिवर्तन करवाना ही उनकी नीतियों में शामिल है ताकि भारत सहित पूरे विश्व का इस्लामीकरण हो सके और उनकी यह नीति अब पूरे विश्व में एक्सपोज हो चुकी है. हिन्दू सहित अन्य धर्म के लोग सावधान हो चुके हैं लेकिन जयचंदों (गद्दारों) द्वारा ऐसे लोगों की मदद करना या हिन्दुओं के भेष में छिपे मुस्लिम द्वारा (क्रिप्टो) सहयोग करने से ही ऐसे तत्वों को बल मिलता है. इसलिये मेरी समझ से हिन्दू भाइयों को और अधिक सावधान रहने की जरूरत है।
अंत में अजीत सिन्हा ने कहा कि सनातन धर्म पर अब चोट बर्दाश्त नहीं की जाएगी। समय आने पर उन्हें ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा। इसके लिए सनातनियों को जागृत रहकर तैयार रहने की जरूरत है ताकि आत्मरक्षार्थ मुकाबला किया जा सके। जय हिंद-जय सनातन।