राष्ट्र का सर्वांगीण विकास और नेताजी व लाल बहादुर शास्त्री को पूर्ण इन्साफ दिलाना ही प्रस्तावित पार्टी का ध्येय - अजीत सिन्हा

     राँची । प्रस्तावित नेताजी सुभाष पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक, सह प्रवक्ता अजीत सिन्हा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि पार्टी का मुख्य ध्येय राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाल बहादुर शास्त्री को पूर्ण इन्साफ दिलाना ही है। इस इन्साफ के अंतर्गत इन विभूतियों के हत्यारे को मरणोपरांत भी सजा दिलाने हेतु पार्टी प्रयासरत रहेगी। इनके साथ - साथ पार्टी स्वामी विवेकानंद के सिद्धांतों और पदचिन्हों पर चलने का भी प्रयास करेगी। 

     देश के सर्वांगीण विकास के लिए पार्टी अपना रोड मैप तैयार कर रही है और उन मुद्दों पर भी कार्य करेगी जिन मुद्दों पर अभी तक किसी भी राजनैतिक दल ने कार्य नहीं किया है. इस हेतु नीति निर्धारण, सह कार्यान्वयन, समिति का गठन पार्टी अपनी प्रथम बैठक जो कि हरिद्वार में होने वाली है में करेगी। 

(अजीत सिन्हा
     आगे अजीत सिन्हा ने कहा कि पार्टी अपने मार्गदर्शक मंडल अध्यक्ष डॉ विनोद कुमार खरे के मार्गदर्शन में और पार्टी के परम सहयोगी डॉ शिव शरण अमल के सान्निध्य में मोटे तौर पर बाॅयलाॅज का निर्माण कर चुकी है, जिस पर बैठक में आगंतुक राष्ट्र भक्तों से मंतव्य लेकर फाइनल करेगी और साथ में उसी बैठक में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन भी करेगी। कुछ राष्ट्र भक्तों को राष्ट्र के राज्यों, सह जिलों का भी कार्यभार दिया जायेगा ताकि पार्टी जल्द से जल्द धरातल पर उतरकर अपने उद्देश्यों की प्रतिपूर्ति कर सके। 

     उन्होंने कहा कि पार्टी रचनात्मक राजनीति के साथ-साथ सकारात्मक राजनीति में विश्वास करती है इसलिये यह पार्टी हमेशा राष्ट्र नव निर्माण में अनवरत लगी रहेगी। इस हेतु हमे जनार्दन स्वरुप जनता के आशिर्वाद की आवश्यकता है जो कि अवश्य मिलेगा। क्योंकि लोग मुझे चाहें या ना चाहें लेकिन नेताजी सुभाष चंद्र बोस, स्वामी विवेकानंद और लाल बहादुर शास्त्री को चाहने वालों की कमी नहीं है।  मेरी समझ से प्रस्तावित नेताजी सुभाष पार्टी इन  महान विभूतियों के पद चिन्हों पर चलने का संकल्प ले चुकी है. इसलिये जनता - जनार्दन पार्टी को अवश्य ही आशीर्वाद देगी। 

     अंत में उन्होंने ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी ने कहा था कि तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूँगा। लेकिन मैं नेताजी के पैरों की धूल के बराबर भी नहीं लेकिन फिर भी कहता हूं कि "आप मुझे साथ दो, मैं आपको आपके सपनों का भारत दूँगा"। वंदे मातरम्, जय हिंद।