न्यूज़ - रवि आनंद (वरिष्ठ पत्रकार)
संजय वर्मा (स्वतंत्र पत्रकार-खुसरूपुर, पटना) ने कहा कि बिहार विधान सभा और परिषद की कार्यवाही की संतुलित और निष्पक्ष रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के लिए प्रेस सलाहकार सतिति का गठन दोनों सदनों में किया जाता है। इसके अध्यक्ष दोनों सदनों के आसन पर बैठे व्यक्ति होते हैं। इस संबंध में दोनों सदनों की प्रेस सलाहकार समिति में 90 फीसदी से अधिक सदस्य सवर्ण जातियों के हैं। इनके उपाध्यक्ष भी सवर्ण जातियों के हैं। इसका खामियाजा गैरसवर्ण पत्रकार और विधानमंडल सदस्यों को भुगतना पड़ता है।
संजय वर्मा (Right) व साथी रवि आनंद (left) के साथ |
इस संबंध में हमारी मांग है कि विधायकों के सामाजिक प्रतिनिधित्व के अनुपात में प्रेस सलाहकार समिति में गैरसवर्ण पत्रकारों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाये। इसके साथ ही प्रेस सलाहकार समिति में पत्रकारों के चयन की प्रक्रिया की जांच करायी जाये, ताकि इस संबंध में होने वाली मनमानी उजागर हो सके। संजय वर्मा ने आशा व्यक्त की है कि गैरसवर्ण पत्रकारों की भावनाओं पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जायेगा और न्याय के साथ विकास की अवधारणा का लाभ गैरसवर्ण मीडियाकर्मियों तक पहुंचाएंगे।