चेतन मन और प्राणियों के प्रति प्रेम से ही "सामाजिक समरसता" आ सकती है - अजीत सिन्हा

     राष्ट्रीय अमन महासंघ के सर महासंघ दिग्दर्शक और प्रस्तावित नेताजी सुभाष पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अजीत सिन्हा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि हर दिल में प्रेम की भावना और चेतन मन से ही समाज में समरसता आ सकती है. इसके लिए जातिगत भावना को दरकिनार करने की जरूरत है और निरीह, दलित, कमजोर वर्ग के गरीबों सहित सवर्ण वर्ग के गरीबों को भी गले लगाने की जरूरत है. आर्थिक रूप से संपन्न लोगों को गरीबों की समस्याओं के निवृति हेतु बढ़-चढ़कर हिस्सा लेन चाहिए।

     आज जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के पुण्य तिथि पर उनको भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये श्री सिन्हा ने कहा कि वे जीवन भर पतित वर्ग को ऊपर उठाने का कार्य करते रहे और अपने जीवन में सामाजिक समरसता की मिशाल पेश करते रहे.  इस ओर उनके किये कार्य को खासकर पुराने और नये बिहार के लोग भुला नहीं सकते।

(अजीत सिन्हा
     आगे अजीत सिन्हा ने कहा कि आज जाति, धर्मों और मज़हबों में विभक्त समाज को सामाजिक समरसता की अति आवश्यकता है ताकि लोग एक दूसरे के दुःख - दर्द में सहभागी बनें और आगे चलकर राष्ट्रीय एकता हेतु प्रयत्नशील हों क्योंकि सामाजिक समरसता से ही एकता आएगी। सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय एकता का भाव राष्ट्रीय अमन महासंघ की आत्मा है, जिसका उद्देश्य केवल राष्ट्र में ही नहीं अपितु पूरे विश्व में शांति की स्थापना में कार्य करने की है. यह महासंघ सर्व धर्म समभाव और वसुधैव कुटुंबकम् के भाव में विश्वास रखता है और भटके जेहादी, ग़द्दार और देशद्रोही मानसिकता वाले लोगों से प्रेम को समझने और अपने अंदर सामाजिक समरसता का भाव लाने की अपील करता है।

      राष्ट्रीय अमन महासंघ से राज धर्म निभाने हेतु निकलने वाली प्रस्तावित नेताजी सुभाष पार्टी पूरे राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोने का ही कार्य करेगी और सामाजिक समरसता हेतु समाज में बैठक, जन जागरण अभियान, रैली, जुलूस इत्यादि के माध्यम से भविष्य में कार्य करती करेगी। जय हिंद!