फीस एक्ट लागू करने की मांग को लेकर मानसरोवर के सेंट एंसलम स्कूल पर अभिभावकों ने दिया धरना
जयपुर। संयुक्त अभिभावक संघ ने गुरुवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर निजी स्कूलों के बर्ताव पर कड़ा रुख अपनाते हुए आरोप लगाया कि " निजी स्कूल संचालक खुलेआम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे है किंतु ना सुनवाई करने को कोई तैयार है ना ही कोर्ट के सम्मान को बचाने के लिए राज्य सरकार कोई काम कर रहज है।" हाल ही में 18 दिसम्बर को स्कूल फीस मुद्दे पर राजस्थान उच्च न्यायालय ने सुनवाई के बाद अपने आर्डर मव कहा था कि निजी स्कूल संचालक ऑनलाइन क्लास की 60 फीसदी ट्यूशन फीस कैपेसिटी बिल्डिंग के रूप में ले सकते है और स्कूल खुल जाने के बाद आरबीएसई बोर्ड 60 फीसदी और सीबीएसई बोर्ड 70 फीसदी ट्यूशन फीस वसूल सकते है। जिन्होंने ऑनलाइन क्लास अटेंड ही नही की है उनसे कोई फीस नही वसूली जाएगी।
प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने जानकारी देते हुए बताया कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि जिस किस को इस आर्डर से आपत्ति है तो वह अपने स्कूल की पीटीए का गठन कर एसएलएफसी का गठन करें और फीस निर्धारण करे, जिसके लिए कोर्ट ने 15 दिनों का समय दिया था, जिसे भी आज 20 दिन हो गए है किंतु अभी तक ना पीटीए का गठन हुआ ना एसएलएफसी का गठन हुआ। यही नही कोर्ट ने अपने आदेश में फीस एक्ट 2016 की पालना भी सुनिश्चित करने के आदेश राज्य सरकार को दिए थे। किन्तु सरकार ने इस गंभीर परिस्थिति में भी इस गंभीर विषय पर गंभीरता ना दर्शा कर, केवल स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटरों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को दर्शाते हुए स्कूल खोलने के आदेश दे दिए। जबकि इस समय सबसे बड़ा फसाद स्कूल फीस का मुद्दा है जिसे राज्य सरकार राम भरोसे छोड़ अब उनकी जिंदगियों से खिलवाड़ करने की दिशा में कार्य कर रही है।
मानसरोवर के सेंट एंसलम स्कूल और विद्याधर नगर के केपीएस उड़ान स्कूल में जुटे अभिभावक, दिया धरना
मंत्री मनोज जसवानी ने कहा कि कोर्ट आदेश के बाद से लगातार निजी स्कूल संचालक अब अभिभावकों के साथ साथ बच्चों तक को प्रताड़ित करने पर उतारू हो गए है, स्कूल संचालक जहां पहले अभिभावकों को बच्चे के भविष्य की धमकियां देकर डरा रहे थे अब बच्चो को खुलेआम धमकियां देकर बच्चो को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे है। गुरुवार को सेंट एंसलन स्कूल मानसरोवर और विद्याधर नगर के केपीएस उड़ान स्कूल के अभिभावक कोर्ट आर्डर की कॉपी लेकर स्कूल पहुंचे। लेकिन स्कूल संचालकों ने अभिभावकों से बात करने के बजाय स्कूलों के गेर पर ताले लगा दिए और किसी को अंदर नही आने दिया, बल्कि अभिभावकों को डराने के लिए पुलिस फोर्स को बुला लिया। पुलिस प्रसासन के आने के बाद अभिभावक आक्रोशित हो गए और सेंट एंसलन स्कूल के गेट पर ही धरने पर बैठ गए और जमकर नारे बाजी की।
पुलिस के दखल के बाद 3 सदस्यों का प्रतिनिधि मंडल सेंट एंसलन के फादर से मिला और फीस को लेकर कोर्ट के आदेश की जानकारी दी और कोर्ट आदेशनुसाए फीस का बाइफरकेशन कर ट्यूशन फीस बताने के लिए कहा जिस पर फादर ने कहा कि हम लोग राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश को नही मानते और इस आर्डर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा रहे है। जिस पर संयुक्त अभिभावक संघ उपाध्यक्ष मनोज शर्मा ने कहा कि आप कही भी जाये जब तक नया कोई आदेश नही आ जाता तब तक आपको उच्च न्यायालय का सम्मान रखना ही पड़ेगा, अगर ऐसा नही करते है तो हमे कोर्ट ऑफ कंटेप्ट का सहारा लेना पड़ेगा। हम फीस जमा करवाने को तैयार है किंतु फीस वर्तमान आदेशानुसार होगी तभी जमा करवाएंगे। इस दौरान संघ अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल, महिला प्रभारी अमृता सक्सेना, राजेन्द्र भवसार, एडवोकेट प्रहलाद बागड़ा सहित अन्य अभिभावक बड़ी संख्या में जुटे। फादर से वार्ता के बाद धरना तत्काल समाप्त कर दिया गया।