"हिन्दुओं की अखंडता बढ़ेगी या विखंडता" लेखक - अंबुज सक्सेना (नोएडा)
आज कल सोशल मीडिया पर एक बात की बहुत चर्चा है कि हिन्दुओ एक हो जाओ वरना हिंदू ख़त्म हो जाएगा एवं कहते हैं कि हिन्दू को बचाना है तो फलां पार्टी को वोट दो. जब कोई व्यक्ति किसी भी हिन्दू जाति का हो अपनी जाति के लिय वोट के लिए कहता है तब आज के सोशल मीडिया पर एक विशेष पार्टी के एक्टिव लोग फौरन एक्टिव हो जाते हैं और हिन्दुओ को गाली देने लगते हैं, गद्दार, देश द्रोही, मुस्लिम, पाक परस्त आदि नामो से नवाज़ा जाता है. kaysth kaysath को, बनिया बनिया को, kaysth बनिया को, ठाकुर ब्राह्मण को ब्राह्मण ठाकुर को... मुख्य रूप से kaysath ही kaysth को गाली दे रहा है. कहते हैं कि जो विशेष पार्टी में नहीं है जो विशेष वोट नहीं। नहीं देगे वो सब गद्दार है....
ऎसे ही कोई भी हिन्दू धर्म का व्यक्ति विशेष पार्टी की आलोचना करता है या कोई भी मुद्दे की बात करता है उनकी गलत नीतियों की बात करता है या अपनी समस्या बताता है तब भी उपरोक्त शब्दो से नवाज़ा जाता है. क्या हिंदू के द्वारा हिंदू को गाली देना उचित है? क्या वाकई मे हिन्दुओ को गाली देने से एकता आ सकती है या विखंडता आएगी? जब हिंदू-हिंदू को ही गाली दे रहा होता है, तो उस समय दूसरे धर्म के लोग भी ये सब देख रहे होते हैं एवं खुश होते होगे कि हिंदू-हिंदू को गद्दार कह रहा है.
और जब सोशल मीडिया पर हिंदू, हिंदू को गाली तब दे रहा होता है, गद्दार आदि शब्दो से नवाज़ा जा रहा होता है, तब सुनने वाला हिंदू मौन हो जाता है. अंदर ही अंदर सुलग जाता है, अंदर से क्रोधित हो जाता है कि.... अगर ये ज्यादा दिनो तक चला तो मौन हिन्दुओ मे अवसाद भी आ सकता है. विद्रोह का रूप भी ले सकता है, क्योकि सुनने वाला भी ज्यादा दिनो तक नहीं सुन सकता। गाली देकर हम हिंदू समाज को क्या दिशा और कहां ले जाना चाहते हैं? क्या हम तानाशाही के द्वारा हिन्दुओ पर राज करना चाहते हैं? क्या भारत के 70 प्रतिशत हिंदू गद्दार है जो एक विशेष पार्टी को वोट नहीं करते हैं?
कहीं ऎसी स्थिति में हिन्दुओ के बीच ही कहीं युद्ध न हो जाए. आज हिंदू ही हिंदू का दुश्मन हो गया है. पहले ऎसा कभी नहीं था.
क्यों हिंदू, हिंदू को गाली दे रहा है?
सोशल मीडिया पर जो हिंदू, हिन्दुओ को गाली दे रहे हैं, वो गाली की जगह सही से बात क्यों नही कहते? क्यो नही हिन्दुओं को समझाते हैं कि क्या उचित है? क्या अनुचित और हिन्दुओ की भी बात सुनो वो क्या कहना चाहते हैं? उनको क्या समस्या है? उसकी व्यथा क्या है? लेकिन बिना सुने ही सीधे गाली पर आ जाते हैं... अगर कोई भी हिन्दू सही बात कह रहा है तब उसका समर्थन कीजिए। पार्टी तो आती जाती रहेगी लेकिन एक बार हिन्दुओ के मन में आपस में ही खटास आ गई, तब देश और दुनिया के लिय अच्छा नहीं होगा क्योंकि मौनता ही अधिकांशत क्रांति की परिचायक होती है!