बिहार के सीतामढ़ी के भिठ्ठामोड़ में भारत-नेपाल सीमा के नो-मेंस लैंड पर एक इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट का निर्माण होगा। इसके लिए सर्वे शुरू हो चुका है। गृह मंत्रालय के निर्देश पर एक केंद्रीय एजेंसी भारत की ओर से सर्वे कर रही है। बताया जाता है कि सर्वे में नेपाल सरकार के भी कर्मचारी शामिल हैं।
एसएसबी के सेक्टर डीआईजी के रंजीत ने इसकी पुष्टि की है। कहा कि इंटीग्र्रेटेड चेकपोस्ट के निर्माण के लिए सर्वे का काम बड़े पैमाने पर हो रहा है। सर्वे पूरा होने के बाद चेकपोस्ट का निर्माण दोनों देशों की सहमति के बाद होगा। मालूम हो कि बिहार में दूसरा इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट होगा, जो भारत-नेपाल की सीमा पर होगा। इससे पहले रक्सौल में इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट है, जहां से अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए नेपाल में प्रवेश किया जाता है।
नो-मेंस लैंड में निर्माण पर थमेगा विवाद : इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट का निर्माण होने से भिठ्ठामोड़ में उपजा विवाद भी थम जाएगा। निर्माण के बाद नो-मेंस लैंड के बीच हो रहे निर्माण पर भी गतिरोध थम जाएगा। इसपर कॉरिडोर बनेगा, जिससे भारत और नेपाल के बीच अंतरराष्ट्रीय व्यापार बढ़ेगा।
अवैध व्यापार पर भी कसेगा शिकंजा : चेकपोस्ट के निर्माण के बाद भिठ्ठामोड़ और इसके आसपास के इलाके में अवैध व्यापार पर प्रशासन का नियंत्रण रहेगा। भारत-नेपाल का बॉर्डर खुला होने की वजह से कई तरह के अवैध व्यापार होते हैं, जिसपर शिकंजा कसा जा सकेगा।