6 महीने तक भगवान की पूजा मद्महेश्वर में होगी
द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर मन्दिर के कपाट सोमवार को सुबह 11 बजे वैदिक मंत्रोच्चार व पौराणिक रीति रिवाजों के साथ खोल दिए गए हैं। अब छह माह भगवान की पूजा अर्चना मद्महेश्वर में ही होगी। वहीं लॉकडाउन के चलते प्रशासन ने सीमित लोगों को ही धाम जाने की अनुमति दी।
सोमवार को सुबह छह बजे डोली गोंडार से रवाना हुई। 10 बजे देवदर्शनी में पहुंचने के बाद कुछ ही देर में मंदिर परिसर पहुंची। यहां ठीक 11 बजे मन्दिर के कपाट खोल दिए गए। बीते शनिवार को शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर उखीमठ से भगवान की चलविग्रह उत्सव डोली उच्च हिमालय क्षेत्र मद्महेश्वर धाम के लिए रवाना हुई थी। प्रथम पड़ाव रांसी व द्वितीय पड़ाव गोंडार में रात्रि विश्राम करने के बाद डोली मद्महेश्वर मन्दिर परिसर में पहुंची। सोमवार को सुबह 5 बजे गोंडार में पुजारी गंगाधर लिंग द्वारा भगवान का अभिषेक, श्रृंगार,भोग एवं पूजा अर्चना की गई। भगवान की डोली भोले के जयकारों के साथ धाम के लिए रवाना हुई।
डोली भीमसी, वनतोली, कूनचट्टी, नानू होते हुए सुबह 10 बजे देवदर्शनी में पहुंची। जिसके बाद स्थानीय हकहाकुधारी व मन्दिर समिति द्वारा कपाट खोलने की तैयारी शुरू की गई। करीब एक घण्टे तक देवदर्शनी में विश्राम करने के बाद 11 बजे डोली मन्दिर परिसर में पहुंची।