कोरोना पर सर्वे करने जाती हैं आशा कार्यकर्ता तो गालियां देते हैं लोग

     कोरोना वायरस के कहर के बीच लोगों के लिए काम कर रहे कोरोना योद्धाओं के साथ मारपीट और बुरे बर्ताव की खबरें थमने का नाम नहीं ले रहीं। महाराष्ट्र के नागपुर में आशा कार्यकर्ताओं को कोरोना रेड जोन एरिया में सर्वेक्षण करने और साथ ही लोगों को कोरोना के प्रति जागरुक करने का काम सौंपा गया है। ऐसे में आशा कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार की खबरें सामने आ रही हैं।


(Photo - Asha Worker > Usha Thakur)



     आशा कार्यकर्ता ऊषा ठाकुर ने बताया कि 'जब हम सर्वे करने जाते हैं तो लोग हमें पत्थर मारते हैं और गालियां देते हैं कि आप हमारे घर क्यों आ रही हैं सवाल करने। हम उन्हें समझाते हैं कि हम उनके हित के लिए काम कर रहे हैं। आप हमें सिर्फ जानकारी दीजिए उसके अलावा हम आपके घर से कुछ नहीं मांगते'।


   ऐसा ही कुछ हाल में उत्तर प्रदेश में देखने को मिला था जब मुरादाबाद में बुधवार को शर्मसार कर देने वाली घटना हुई। पूरे विश्व में हजारों लोगों को मौत की नींद सुला देने वाले कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने वाली डाक्टरों की टीम पर हमला कर दिया गया। हालत यह थे कि घर की छत से महिलाएं और बच्चे भी डॉक्टरों पर पत्थर बरसाते रहे। डॉक्टरों का खून बहता रहा लेकिन कोई उनको बचाने सामने नहीं आया। पुलिस ने किसी तरह डॉक्टरों को बाहर निकाला और अस्पताल में भेजा।