सरकार ने संसद में बताया, लद्दाख के 38,000 स्क्वॉयर किलोमीटर हिस्से पर है चीन का कब्जा

     चीन ने लद्दाख के 38,000 स्क्वॉयर किलोमीटर हिस्से पर कब्जा कर रखा है। केंद्र सरकार ने संसद में इसकी जानकारी दी। सरकार ने साथ ही कहा कि अरुणाचल प्रदेश समेत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा।



  • चीन ने लद्दाख के 38,000 स्क्वॉयर किलोमीटर पर कर रखा है कब्जा

  • सरकार ने लोकसभा में एक लिखित सवाल पर दिया यह जवाब

  • सरकार ने साफ किया कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है

  • सरकार ने साथ ही पाकिस्तान को दी चेतावनी



     सरकार ने बताया है कि भारत का 38,000 स्क्वॉयर किलोमीटर लद्दाख का भूभाग चीन के कब्जे में है। सरकार ने साथ ही संसद में बयान में साफ किया अरुणाचल प्रदेश और केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा है।


भारत ने पाकिस्तान को दी चेतावनी - लोकसभा में एक लिखित जवाब में सरकार ने साथ ही पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर लद्दाख में किसी प्रकार के बदलाव प्रयास पर चेताया भी। विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने कहा, 'भारत और चीन के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा को लेकर विवाद है। पूर्वी सेक्टर में चीन अरुणाचल प्रदेश में करीब 90 हजार स्क्वॉयर किलोमीटर के हिस्से पर अपना दावा करता है। चीन के कब्जे में भारत का करीब 38 हजार स्क्वॉयर किलोमीटर का इलाका है।'

'पाकिस्तान ने भारतीय हिस्सा चीन को दिया' - उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान के बीच 2 मार्च 1963 को तथाकथित 'सीमा समझौते' के तहत इस्लामाबाद ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का 5,180 स्क्वॉयर किलोमीटर का भारतीय हिस्सा चीन को दे दिया था।

अरुणाचल, J&K, लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा -मुरलीधरन संसद द्वारा 1994 में PoK पर पारित एक प्रस्ताव पर सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'भारत ke सैद्धांतिक मत है कि अरुणाचल प्रदेश और केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख भारत का अभिन्न अंग हैं और यह हमेशा रहेगा। यह बात चीन को कई मौकों पर बताया जा चुका है।'

'पाकिस्तान की हर गतिविधि पर नजर' - एक अन्य सवाल के जवाब में मुरलीधरन ने बताया कि सरकार पाकिस्तान के गैरकानूनी कब्जे वाले हिस्से समेत सभी भारतीय हिस्से में चल रही हर गतिविधि पर पैनी नजर बनाए हुई है। उन्होंने कहा, 'हम पाकिस्तान को गैरकानूनी तरीके से कब्जाए हिस्से को तत्काल खाली करने को कह चुके हैं। हमने पाकिस्तान को इस इलाके में मानवाधिकार उल्लंघन के मसले और किसी प्रकार के बदलाव को लेकर भी चेताया है।'

संसद के प्रस्ताव पर सरकार कायम - मुरलीधरन ने कहा, 'सरकार लगातार इस बात पर कायम है और वह 22 फरवरी 1994 को संसद के दोनों सदनों से द्वारा पारित उस प्रस्ताव के साथ है जिसमें केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को भारत का अभिन्न हिस्सा बताया गया था।'