नोएडा तथा गुरुग्राम में प्रॉपर्टी की कीमतों में पिछले पांच साल में सात फीसदी तक की गिरावट आई है। नोएडा में प्रॉपर्टी चार फीसदी तो गुरुग्राम में सात फीसदी सस्ती हुई है।
- नोएडा तथा गुरुग्राम में प्रॉपर्टी की कीमतों में सात फीसदी तक की गिरावट
- दिल्ली से सटे नोएडा में प्रॉपर्टी चार फीसदी तक सस्ती हुई
- वहीं गुरुग्राम में प्रॉपर्टी की कीमत में सात फीसदी तक की गिरावट देखी गई
- इसकी वजह परियोजनाओं की डिलिवरी में देरी, मांग का नरम रहना और बड़े बिल्डरों का दिवालिया होना
अगर आप नोएडा या गुड़गांव में मकान खरीदने की सोच रहे हैं तो यह सुनहरा मौका है।दिल्ली से सटे गुरुग्राम और नोएडा में पिछले पांच साल में आवास की कीमतें क्रमश: सात और चार फीसदी घट गई हैं। इसकी प्रमुख वजह आवासीय परियोजनाओं की डिलिवरी में देरी, मांग का नरम रहना और कई बड़े बिल्डरों का दिवालिया हो जाना है। गुरुग्राम में आवासीय इकाइयों की कीमत मार्च 2015 के मुकाबले मौजूदा समय में सात प्रतिशत घटकर 5,236 रुपये प्रति वर्गफुट पर आ गई है। वहीं, उत्तर प्रदेश के नोएडा में इसमें चार प्रतिशत की गिरावट देखी गई है और यह 3,922 रुपये प्रति वर्गफुट पर आ गई है।
मेट्रो शहरों में बढ़ीं कीमतें - वहीं हैदराबाद में आवासों की औसत कीमत में 40 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। यह 5,318 रुपये प्रति वर्गफुट पर पहुंच गई है। इसी तरह, मुंबई में यह 15 प्रतिशत बढ़कर 9,446 रुपये प्रति वर्गफुट और बेंगलुरु में 11 प्रतिशत बढ़कर 5,194 रुपये प्रति वर्गफुट पर पहंच गई है।
मांग में नरमी बरकरार - अहमदाबाद, चेन्नै, कोलकाता और पुणे में भी आवास कीमतों में दो से चार प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। प्रॉपटाइगर डॉट कॉम, हाउसिंग डॉट कॉम और मकान के सीईओ (ग्रुप) ध्रुव अग्रवाल ने कहा, ‘भारतीय रियल एस्टेट बाजार में मांग में नरमी बनी हुई है और इसी वजह से कीमतों की वृद्धि सीमित दायरे में है। यही वजह है कि अधिकतर बाजारों में कीमतों में वृद्धि बहुत नगण्य है।’
डिलिवरी में देरी से घटीं कीमतें - उन्होंने कहा कि हैदराबाद इसमें मुख्य अपवाद इसलिए है, क्योंकि 2015 में वहां आवासीय इकाइयों की शुरुआती दरें बहुत नीचे थीं। दिल्ली-एनसीआर के गुरुग्राम और नोएडा में आवास कीमतें घटने की प्रमुख वजह रियल एस्टेट परियोजनों की डिलिवरी में देरी होना है।