दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए केंद्र सरकार से कहा, 'दिल्ली रहने लायक नहीं रह गई, नरक से भी बदतर हो गयी है.' सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा दिल्ली वालों को घुट-घुट कर मरने से अच्छा है कि 15 बैग विस्फोटक लाकर सबको एक बार में उड़ा दें. जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि भारत में अब जीवन इतना सस्ता नहीं है और आपको भुगतान करना होगा.
कोर्ट ने दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के चीफ़ सेक्रेटरी को कहा कि आपको कुर्सी पर बैठने का कोई अधिकार नहीं है. दिल्ली की जनता को जीने के लिए कितना भुगतान करना पड़ेगा? प्रत्येक व्यक्ति को कितने लाख का भुगतान किया जाना चाहिए? आप किसी व्यक्ति के जीवन को कितना महत्व देते हैं?
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और केंद्र को निर्देश दिया है कि वे अपने मतभेदों को एक तरफ रखें और शहर के विभिन्न हिस्सों में एयर प्यूरिफाइंग टॉवर स्थापित करने के लिए 10 दिनों के भीतर एक साथ बैठें और योजना को अंतिम रूप दें. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CBCP) को दिल्ली में चलने वाली फैक्ट्री से शहर के प्रदूषण पर पड़ने वाले असर के बारे रिपोर्ट देने को कहा. सुप्रीम कोर्ट ने सीपीसीबी से दिल्ली की फैक्ट्री के बारे में विस्तार से जानकारी देने को कहा.